उत्तराखंड: शिक्षकों को कम सैलरी देने वाले निजी स्कूलों पर गिरेगी गाज, जांच के आदेश जारी
उत्तराखंड में मानकों से कम सैलरी देकर शिक्षकों-कर्मचारियों का शोषण करने वाले निजी स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, पढ़ें पूरी खबर
Oct 14 2019 4:33PM, Writer:कोमल नेगी
सरकारी स्कूलों की बदहाली ने प्राइवेट स्कूलों को पनपने का भरपूर मौका दिया है। गली-गली में प्राइवेट स्कूल खुल गए हैं। निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों से पढ़ाई और इधर-उधर के खर्चों के नाम पर लाखों रुपये वसूले जाते हैं, पर इन स्कूलों में पढ़ाने वाले टीचर्स को तनख्वाह नाममात्र ही दी जाती है। श्रम विभाग के मानक के अनुसार एक लाख से ज्यादा आबादी वाले शहर में अकुशल श्रमिक को 8331 रुपये, अर्धकुशल को 8924 और कुशल को 9518 रुपये मासिक वेतन देने का प्रावधान है। लिपिक वर्गीय कर्मचारी में श्रेणी वन को 10,520 और श्रेणी टू को 9772 रुपये मासिक वेतन देने का नियम है। पूरे राज्य में अकुशल श्रमिक को 8213, अर्द्धकुशल को 8788 और कुशल को 9370 रुपये मिलने चाहिए। इसी तरह लिपिक वर्गीय कर्मचारी में श्रेणी वन को 10,328 और श्रेणी टू को 9611 रुपये मासिक न्यूनतम वेतन देना अनिवार्य है। हर छह महीने में महंगाई भत्ता भी देना होता है। उपनल के अनुसार अकुशल को 12,851, अर्द्धकुशल को 14,674, कुशल को 16,213, उच्च कुशल को 17954 और अफसर को 35,892 रुपये मासिक वेतन मिलना चाहिए। हर तीसरे महीने 2800 रुपये बतौर प्रोत्साहन राशि देने का भी प्रावधान है।
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उत्तराखंड में चार हजार से ज्यादा छोटे-बड़े प्राइवेट स्कूल हैं, जिनमें 25 हजार से ज्यादा शिक्षक-कर्मचारी काम करते हैं। स्कूल बनाने से पहले राज्य से एनओसी लेनी होती है, जो कि इसी शर्त पर दी जाती है कि स्कूल अपने स्टाफ को सरकारी स्कूलो के कर्मचारियों के समान वेतन और सुविधाएं देगा। ये व्यवस्था 2013 से लागू है, पर इसका पालन नहीं हो रहा। बेरोजगारी और नौकरी के कम अवसर होने की वजह से प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाने वाले टीचर बिना किसी विरोध के सब सहते रहते हैं। अब ये नहीं चलेगा। उत्तराखंड में शिक्षा विभाग ने उन स्कूलों के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं, जो कि अपने शिक्षकों और कर्मचारियों को कम तनख्वाह दे रहे हैं। जो स्कूल तय मानक के अनुसार सैलरी नहीं देंगे, उनके खिलाफ जांच होगी, जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी। आपको बता दें कि प्राइवेट स्कूलों में शिक्षकों के शोषण को लेकर सीएम हेल्पलाइन में शिकायत आई थी। जिसके बाद शिक्षा निदेशक आरके कुंवर ने शुक्रवार को इस मामले में जांच के आदेश जारी किए।