उत्तराखंड में केदारनाथ-बदरीनाथ धाम की चोटियों पर हिमपात, ठिठुरन बढ़ी
केदारनाथ धाम के साथ ही बदरीनाथ धाम और दूसरे पर्वतीय इलाकों में हिमपात हुआ है, जिस वजह से ठिठुरन बढ़ गई है...
Oct 21 2019 1:17PM, Writer:कोमल नेगी
ठंड के स्वागत के लिए तैयार हो जाइए, उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में ठंड ने दस्तक दे दी है। हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी का दौर शुरू हो गया है, जिसका असर मैदानी इलाकों तक में महसूस हो रहा है। रविवार को दोपहर बाद केदारनाथ और बदरीनाथ धाम में बर्फबारी हुई। केदारघाटी में ठंड बढ़ गई है। आस-पास के इलाकों में अब भी बादल छाए हुए हैं। मौसम लगातार करवट बदल रहा है। रविवार को दोपहर बाद मौसम का मिजाज एक बार फिर बदल गया। धूप-छांव का खेल चलता रहा। केदारघाटी में बादल छाए रहे, लेकिन दिन ढलने के साथ ही पर्वतीय इलाकों में बर्फ गिरने लगी। वासुकीताल, दुग्ध गंगा, चोराबाड़ी ताल और दूसरे ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तेज हिमपात होने लगा। केदारनाथ धाम में भी बर्फबारी हुई, जिस वजह से ठिठुरन बढ़ गई है। शीतलहर का प्रकोप पढ़ गया है, यात्री और केदारघाटी के लोग ठंड से बचाव के लिए अलाव का सहारा ले रहे हैं|
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रुद्रप्रयाग के साथ-साथ चमोली जिले में भी बर्फबारी हुई। यहां बदरीनाथ धाम की चोटियों के साथ ही हेमकुंड साहिब, नीलकंठ पर्वत, सतोपंथ और नीती घाटी के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हिमपात हुआ। पहाड़ों पर हुई बर्फबारी का असर मैदानी इलाकों तक महसूस हो रहा है। निचले इलाकों में ठंडी हवाओं ने लोगों का चैन छीन लिया है। गर्म कपड़े अलमारी से बाहर निकल आए हैं। ठंड से बचाव के लिए लोग अलाव का सहारा ले रहे हैं। बदरीनाथ धाम में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। तीर्थयात्री भी ठंड से बेहाल हैं। श्रद्धालु शाम होते ही अपने कमरों में दुबक जाते हैं, ठंड से बचाव के लिए अलाव का सहारा ले रहे हैं। स्थानीय प्रशासन ने भी तीर्थयात्रियों और राहगीरों के लिए अलाव की व्यवस्था की है।