उत्तराखंड पर मंडरा रहा मेगा अर्थक्वैक का खतरा, मिल रहे हैं खतरनाक संकेत
पिथौरागढ़ में बार-बार कम तीव्रता वाले भूकंप का झटका महसूस होना बड़े खतरे का संकेत हो सकता है....जरूर पढ़िए ये रिपोर्ट
Nov 20 2019 1:09PM, Writer:कोमल नेगी
उत्तराखंड का पिथौरागढ़ जिला इस वक्त बड़े खतरे से जूझ रहा है। जिले में लगातार भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे हैं, ये सामान्य नहीं है। भूकंप के छोटे-छोटे झटकों का आना बड़े खतरे का संकेत है। बीती शाम पिथौरागढ़ की धरती एक बार फिर कांप गई। भूकंप शाम 7 बजकर 01 मिनट पर आया। इसका केंद्र 29.49 नार्थ और 81.2 ईस्ट में स्थित नेपाल का डडेलधूरा क्षेत्र था। भूकंप से क्षेत्र में किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ, लेकिन लोग डरे हुए हैं। भूकंप के झटके महसूस होते ही लोग घरों से बाहर निकल आए। पिछले आठ दिनों के भीतर पिथौरागढ़ में भूकंप का दूसरा झटका महसूस किया गया। भूकंप का केंद्र नेपाल का डडेलधूरा इलाका था, जो कि पिथौरागढ़ जिले से सटा हुआ है। भूकंप की गहराई 10 किलोमीटर नीचे थी। मंगलवार को आए भूकंप से किसी तरह के नुकसान की शिकायत नहीं मिली है। आपको बता दें कि इससे पहले 11 नवंबर को भी सीमांत जिले में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे।
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भूकंप की वजह से मुनस्यारी के कुछ मकानों में दरारें पड़ गई थीं। मंगलवार को क्षेत्र में दोबारा भूकंप के झटके महसूस होने की खबर है, पर भूकंप की तीव्रता को लेकर आपदा कंट्रोल रूम देहरादून ने कोई पुष्टि नहीं की है। उत्तराखंड में लगातार महसूस हो रहे भूकंप के झटके महाभूकंप का संकेत हो सकते हैं। वैज्ञानिक अपनी रिपोर्ट में दावा कर चुके हैं कि उत्तराखंड के हिमालयी क्षेत्र में बड़ा भूकंप आ सकता है। पूरे हिमालयी क्षेत्र में तेजी से भूकंपीय ऊर्जा इकट्ठी हो रही है, जो कि बाहर नहीं निकल पा रही। ये अच्छा संकेत नहीं है, भूगर्भ में इकट्ठा हो रही ऊर्जा कभी भी भूकंप के रूप में बड़ी तबाही ला सकती है।पिछले चार साल में भूकंप के जो झटके महसूस किए गए हैं, वो सिर्फ चार जिलों तक ही सीमित रहे। इन जिलों में उत्तरकाशी, पिथौरागढ़, चमोली और रुद्रप्रयाग शामिल हैं। इन चार जिलों में आने वाले भूकंप एक ही फॉल्ट लाइन में पड़ते हैं। वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान के वैज्ञानिक भी अपनी रिपोर्ट में उत्तराखंड पर मेगा अर्थक्वैक का खतरा मंडराने की बात कह चुके हैं।