उत्तराखंड: अचानक अस्पताल पहुंचे डीएम, खुल गई डॉक्टरों के झूठ की पोल
हैरानी की बात तो ये है कि आखिर ऐसे लापरवाह डॉक्टर कब सुधरेंगे? नैनीताल डीएम ने जब अस्पताल में निरीक्षण किया, तो डॉक्टरों के झूठ की पोल खुल गई
Dec 19 2019 7:00PM, Writer:कोमल
उत्तरांड में कुछ जिलाधिकारी ऐसे भी हैं, जो लगातार अपने कामों से जनता के दिलों में जगह बना रहे हैं। इन्हीं में से एक हैं सविन बंसल, जो कि नैनीताल का जिम्मा संभाल रहे हैं। डीएम सविन बंसल की कई बार हिदायत देने के बाद भी सरकारी अस्पतालों के चिकित्सक अपनी आदत नहीं छोड़ पा रहे हैं। इस बात की पड़ताल करने के लिए नैनीताल जिलाधिकारी सविन बंसल ने बीडी पाण्डे पुरूष एवं महिला चिकित्सालयों में लगभग 4 घण्टे का व्यापक निरीक्षण किया। इस दौरान मरीजों ने बताया कि के अस्पताल के डाॅक्टर बाजार की दवाईयाॅ लिख रहे हैं। चिकित्सा अधीक्षकों का दावा था कि शतप्रतिशत दवाईयाॅ अस्पताल के स्टोर से दी जा रही हैं। जिलाधिकारी के निरीक्षण में मरीजों से बातचीत के दौरान के दौरान चिकित्सा अधीक्षकों के दावे पानी फिर गया। जब डीएम ने चिकित्सा अधीक्षकों से पूछा तो वे बगलें झाकने लगे। नाराज जिलाधिकारी ने डाॅ.संजीव का तीन दिन के भीतर जवाब तलब करने के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि यदि डाॅक्टर का जवाब संतोष जनक नहीं पाया गया तो उनके प्रतिकूल प्रविष्टि एवं निलम्बन की संस्तुति शासन को भेजी जाएगी।
यह भी पढ़ें - पहाड़ में एक DM ऐसा भी..मंगेश घिल्डियाल ने बच्चों के साथ जमीन पर बैठकर खाया मिड डे मील
इसके साथ ही जिलाधिकारी ने बीडी पाण्डे पुरूष चिकित्सालय के निरीक्षण के दौरान शिकायत पंजिका देखी। उसमें स्पष्ट काॅलम व अंकन न होने पर चिकित्साधीक्षक डाॅ. तारा आर्या से नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने निर्देश दिए कि अस्पताल से विशेष परिस्थितयों में जो भी मरीज रेफर किए जा रहे हैं, उनके रेफर होने का स्पष्ट कारण पंजिका में दर्ज किया जाए। उन्होंने इंजेक्शन रूम के निरीक्षण के दौरान निर्देश दिए कि पर्याप्त मात्रा में एआरवी व एन्टीडोट रखे जाएं। उन्होंने निरीक्षण के दौरान जिरियाट्रिक वार्ड में 5 हीटर तुरन्त खरीद कर लगाने के निर्देश दिए। कुल मिलाकर कहें तो उत्तराखंड में ऐसे जिलाधिकारी होने चाहिए, जो लगातार जनता के लिए जनता के बीच उतरकर कुछ काम करें।