उत्तराखंड में तैयार है सबसे लंबा सिंगल लेन पुल...नए साल से डोबरा-चांठी पुल पर यातायात शुरू
डोबरा-चांठी में निर्माणाधीन पुल का काम आखिरी चरण में है, दिसंबर के अंत तक काम पूरा हो जाएगा...
Dec 20 2019 11:04AM, Writer:कोमल
नया साल नई टिहरी के लोगों के लिए नई सौगात लेकर आएगा। नए साल पर लोगों को डोबरा-चांठी पुल की सौगात मिलेगी। निर्माणाधीन संस्पेंशन पुल का काम अंतिम चरण में है। ये देश का सबसे लंबा संस्पेंशन पुल है। क्षेत्र के लोग पुल के तैयार होने का इंतजार कर रहे हैं और ये इंतजार जल्द ही खत्म होने वाला है। डोबरा-चांठी में निर्माणाधीन पुल का काम आखिरी चरण में है। पुल के दोनों सिरों को सड़क से जोड़ने का काम इसी महीने पूरा हो जाएगा। दिसंबर के अंत तक काम पूरा होने की उम्मीद है। जनवरी से पुल के लोड एडजेस्टमेंट का काम किया जाएगा। पुल पर इन दिनों पेंटिंग का काम भी चल रहा है। पुल के दोनों टावर पर सफेद रंग किया जा रहा है, जबकि रिग पर लाल रंग किया जाएगा। बुधवार को लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता एसएस मखलोगा ने डोबरा-चांठी पुल का निरीक्षण किया।
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आपको बता दें कि डोबरा-चांटी पुल के खुल जाने के बाद प्रतापनगर क्षेत्र टिहरी झील और आस-पास के क्षेत्रों से जुड़ जाएगा। लंबे वक्त से ये क्षेत्र टिहरी से अलग-थलग पड़ा है। क्षेत्र के लोग पिछले 13 साल से डोबरा चांठी पुल के बनने का इंतजार कर रहे हैं। कुछ महीने बाद ये इंतजार खत्म हो जाएगा। डोबरा चांठी पुल का फायदा टिहरी ही नहीं उत्तरकाशी के लोगों को भी होगा। ये डबल लेन पुल है, जिसकी लंबाई 440 मीटर है। भारत में 440 मीटर लंबाई वाला ये पहला डबल लेन पुल है। शुरुआत के वक्त डोबरा-चांठी पुल के लिए 89 करोड़ की लागत तय हुई थी, आज ये पुल 325 करोड़ रुपये के बजट को पार कर चुका है। 325 करोड़ की लागत से बना ये पुल अगले साल 31 मार्च को प्रतापनगरवासियों को सौंप दिया जाएगा।
खत्म हुआ लंबा इंतजार
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जब से टिहरी डैम बना है, तब से प्रतापनगर और उत्तरकाशी जिले के गाजणा पट्टी के गांव अलग-थलग पड़े हैं। इन इलाकों में करीब ढाई लाख लोगों की आबादी है। जल्द ही ये लोग डोबरा-चांठी पुल के जरिए सड़क सेवाओं से जुड़ जाएंगे।
250 करोड रुपए का खर्च
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शुरुआत में इस पुल के लिए राज्य सरकार ने 135 करोड़ का बजट दिया था, पर अब तक इस काम में 250 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं।
ढाई लाख लोगों को फायदा
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जब से टिहरी डैम बना है, तब से प्रतापनगर और उत्तरकाशी जिले के गाजणा पट्टी के गांव अलग-थलग पड़े हैं। इन इलाकों में करीब ढाई लाख लोगों की आबादी है। जल्द ही ये लोग डोबरा-चांठी पुल के जरिए सड़क सेवाओं से जुड़ जाएंगे।
2006 से चल रहा निर्माण
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पीडब्ल्यूडी की कार्यदायी संस्था पुल निर्माण के काम को अंतिम रूप देने में जुटी है। साल 2006 से पुल का निर्माण कार्य चल रहा है। अब ये पूरा होने वाला है। इलाके के लोग खुश हैं। टिहरी झील के बाद क्षेत्र में बन रहा का ये भारत का सबसे बड़ा पुल उत्तराखंड के लिए ही नहीं पूरे देश के लिए बड़ी उपलब्धि साबित होगा।