देहरादून का प्रभात सिनेमा अब यादों में रहेगा, 73 साल बाद आखिरी शो के बिना हुआ बंद
कभी देहरादून की शान रहा प्रभात सिनेमा (dehradun prabhat cinema) अब सिर्फ यादों में जिंदा रहेगा। साल 1947 में स्थापित प्रभात सिनेमा हॉल बंद हो गया है। इसका इतिहास भी उतना ही खूबसूरत रहा है...पढ़िए
Mar 17 2020 4:57PM, Writer:कोमल नेगी
एक समय में देहरादून की शान रहा ऐतिहासिक प्रभात सिनेमा (dehradun prabhat cinema) हमेशा के लिए बंद हो गया है। प्रभात सिनेमा हॉल की यादें दूनवासियों की जिंदगी का अहम हिस्सा रहेंगी। मल्टीप्लेक्स कल्चर आने से पहले सैकड़ों लोगों ने अपनी पहली फिल्म इसी पिक्चर हॉल में देखी। इस सिनेमा हॉल ने लोगों को सपने देखना सिखाया। बदलते वक्त के साथ मल्टीप्लेक्स आया और लोग प्रभात से दूर होते चले गए। मजबूरन सिनेमा हॉल को बंद करने का फैसला लेना पड़ा। प्रभात सिनेमा हॉल को 30 मार्च को बॉबी फिल्म के साथ बंद करने की योजना थी, लेकिन कोरोना के चलते ऐसा हो नहीं पाया। प्रशासन ने दून के सिनेमा हॉल 31 मार्च तक बंद रखने का आदेश दिया है। जिस वजह से प्रभात सिनेमा हॉल को समय से पहले बंद कर दिया गया। चलिए अब आपको प्रभात सिनेमा हॉल का इतिहास बताते हैं। आगे जानिए
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चकराता रोड पर स्थित प्रभात सिनेमा (dehradun prabhat cinema) की शुरुआत साल 1947 में टीसी नागलिया ने की। उनके निधन के बाद बेटे दीपक नागलिया ने इसका संचालन किया। साल 1977 में इसकी मरम्मत की गई। जिसके बाद यहां सीटों की संख्या को 500 से बढ़ाकर 1000 कर दिया गया। दीपक लेटेस्ट टेक्नोलॉजी भी अपनाते रहे, ताकि दर्शक सिनेमा से जुड़े रहें, लेकिन मल्टीप्लेक्स का चलन शुरू होने के साथ ही दर्शक प्रभात से दूर होते चले गए।
बताया जा रहा है कि सिनेमा हॉल संचालक यहां कमर्शियल एक्टिविटी शुरू करना चाहते थे, लेकिन सरकार की तरफ से अनुमति नहीं मिली, जिस वजह से इसे बंद करने का फैसला लेना पड़ा। 30 मार्च को यहा ऋषि कपूर की सुपरहिट फिल्म बॉबी का प्रदर्शन होना था। जिसके बाद हॉल को बंद करने की योजना थी, लेकिन अब इसे आखिरी शो चले बिना ही बंद कर दिया गया है। जिस सिनेमा हॉल ने कभी दून के लोगों को सिल्वर स्क्रीन पर सपनों को जीना सिखाया था, वो 73 साल बाद बंद हो चुका है। अब प्रभात सिनेमा सिर्फ यादों में जिंदा रहेगा।