उत्तराखंड: 12 गांवों ने खुद को किया बल्लियों से लॉक..बाहर से आने वालों की NO ENTRY
कोरोना का पहला केस सामने आते ही उत्तराखंड के 12 गांवों ने अपने यहां बाहरी लोगों की एंट्री बैन कर दी। गांव के प्रवेश द्वारों को बल्लियां और ट्रैक्टर ट्रॉली लगाकर बंद कर दिया गया है...आगे पढ़िए पूरी खबर
Apr 6 2020 9:53PM, Writer:कोमल नेगी
उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। जो जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हैं उनमें देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर और नैनीताल शामिल हैं। कोरोना के बढ़ते खतरे के बीच ग्रामीणों ने अतिरिक्त सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है। पहाड़ के कई गांवों में ग्रामीण पहले ही बाहरी लोगों के आने पर रोक लगा चुके हैं, अब हरिद्वार के गांव भी कोरोना से बचाव के लिए यही तरीका अपना रहे हैं। जिले के करीब 12 गांवों ने गांव के प्रवेश द्वार को ट्रॉलियां और बल्लियां लगाकर बंद कर दिया है। गांव में बाहरी लोगों प्रवेश पर रोक है। गांव वाले खुद गांव के बाहर बैठकर पहरा दे रहे हैं, ताकि कोई गांव में चोरी-छिपे दाखिल ना हो सके। हरिद्वार जिले में कोरोना संक्रमण का पहला मामला सामने आ चुका है, जिसके बाद ग्रामीणों ने सजगता बरतनी शुरू कर दी है।
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पथरी क्षेत्र के दर्जनभर गांवों में बाहरी लोगों के आने पर सख्त रोक लगा दी गई है। जिन गांवों ने अपने यहां एंट्री बैन की है, उनमें कटारपुर, फेरूपुर, जट बहादरपुर, शाहपुर, धनपुरा, बादशाहपुर, जियापोता, अजीतपुर, घिस्सीपुर और रानी माजरा जैसे गांव शामिल हैं। इन गांवों के प्रवेश द्वारों पर बोगी, ट्रॉली और बल्लियां लगाकर रास्ता बंद कर दिया गया है। ग्रामीणों ने कहा कि कोरोना का कहर बढ़ रहा है। रुड़की के पनियाला गांव में एक युवक में कोरोना की पुष्टि हुई है। हम नहीं चाहते कि को कोई कोरोना संक्रमित व्यक्ति गांव में चोरी-छिपे दाखिल हो जाए। इसलिए बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक लगाई गई है। साथ ही गांव के लोग बारी-बारी से गांव के बाहर पहरा भी दे रहे हैं। फल और सब्जी विक्रेताओं को भी गांव में एंट्री नहीं दी जा रही। ये फैसला ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए लिया गया है।
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आपको बता दें कि हरिद्वार के रुड़की में ही तीन गांव सील किए गए हैं। पनियाला, मलकपुर गांव में करीब 20 हजार की आबादी क्वारेंटाइन है।