ये बेटी जरूरतमंदों और गरीबों के लिए खाने का प्रबंध तो कर ही रही हैं बल्कि पुलिस को भी चाय-नाश्ता करा रही हैं। आप भी जानिए प्रेरणा देती शिल्पा की कहानी-देखिए तस्वीरें
Apr 13 2020 3:48PM, Writer:अनुष्का ढौंडियाल
कहते हैं हिम्मत और ज़ज़्बा हो तो कुछ भी नामुमकिन नहीं है। इस समय जब हमारा देश इतने जानलेवा संक्रमण से जूझ रहा है, उत्तराखंड में भी कोरोनावायरस का खौफ तेजी से लोगों के बीच में बढ़ रहा है। अबतक कुल 32 पॉज़िटिव केस देखने को मिल चुके हैं। सड़कें बिल्कुल खाली पड़ी हुई हैं और बाजारों में भी ताला लगा हुआ है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि उन भूखे, गरीबों और जरूरतमंदों का पेट आखिर कौन भरेगा? रोजमर्रा के कामों से कमाने वाले यह मजदूर क्या कोरोना से पहले भूख से मरेंगे? इसी समस्या को लेकर बहुत से लोगों ने इन जरूरतमंद लोगों को खाना खिलाने की ठानी। ऐसे लोग वाकई समाज के हीरो होते हैं। ऐसे फाइटर्स का होना बहुत जरूरी है ताकि सबके चेहरे पर संतुष्टि रहे। ऐसी ही एक बेटी की कहानी हम सब आपको बताने जा रहे हैं। उत्तराखंड की बेटी शिल्पा भट्ट गरीबों और जरूरतमंदों को खाना खिला रही हैं और आपातकालीन घड़ी में सड़क पर दिन-रात डटे हुए पुलिस वालों को चाय और नाश्ता भी मुहैया करा रही हैं। आगे देखिए तस्वीरें
कहानी की नेक शुरुआत
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वैसे तो इस नेक काम की शुरुआत शिल्पा भट्ट ने अकेले ही की थी मगर लोग आते रहे और कारवां बनता गया। जो सफर उन्होंने अकेले शुरू किया था आज उस सफर में और लोग जुड़ गए हैं। आपको बता दें कि शिल्पा भट्ट और उनके साथ जुड़े हुए लोग दोपहर में 100 से 150 लोगों का खाना बनाते हैं और पुलिस वालों के लिए चाय और नाश्ता भी बनाते हैं।
जानिए कौन हैं शिल्पा भट्ट
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चलिए अब आपको शिल्पा भट्ट के विचारों से रूबरू कराते हैं जो उन्होंने अपने फेसबुक वॉल पर साझा किये हैं। शिल्पा कहती हैं कि-"जो सफ़र अकेले शुरू किया था आज उस सफ़र में और लोग जुड़ गए। शुरू किया लेकिन घबराहट थी, क्या मैं इस सफ़र को अकेले पूरा कर पाऊंगी? क्यूंकि सच कहूं तो धीरे-धीरे मेरी जेब भी जवाब देने लगी थी। लेकिन कहते हैं ना “जहां चाह वहां राह”।
शिल्पा ने ये बात कही
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आगे लिखा गया है कि-माता रानी ने अपने बंदो के लिए रास्ता ख़ुद ब ख़ुद बना दिया । खुशी इस बात की है कि सबसे पहले मदद का हाथ मेरे अपने कर्मचारियों ने बढ़ाया। अपने- अपने सामर्थ के हिसाब से उन्होंने इस मुहिम में मेरा साथ दिया । आज मेरी एक दोस्त जिससे मैं सिर्फ़ एक ही बार मिली हूँ, बस मैसेज में कभी कभी बात हुई, उन्होंने आज हमें अपने सामर्थ के हिसाब से राशन दिया।
इस बेटी की बातों में दम है
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शिल्पा आगे लिखती हैं-देहरादून के रॉयल एन्फ़ील्ड बाइकर ग्रुप ने आज हमको राशन दिया ताकि हम अपनी ये मुहिम जो 13 दिन से चला रहे हैं ये चलती रहे। कुछ मदद ऐसी भी हैं जिसको लफ़्ज़ों में नहीं बयान किया जा सकता। मेरे साथ वो पहले दिन से हैं। जब भी ज़रूरत हुई, किसी ना किसी रूप में उन्होंने मदद की।
हर जरूरतमंद को भोजन
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बकौल शिल्पा-हम लगातार 13 दिन से जरूरतमंद लोगों को भोजन करवा रहे हैं। दिन में 100 से 150 लोगों का खाना बनता हैं और शाम को पुलिस के जवानो के लिए चाय और नाश्ता बनाते हैं। तस्वीरों से नाश्ते की झलक दिख ही रहीं होगी। बस अब यही दुआ हैं की ये जब तक ये समस्या हैं तब तक बिना किसी रुकावट के चलता रहे। उन सभी को दिल से शुक्रिया जिन्होंने मदद के लिए हाथ बढ़ाया । आज 13 दिन बाद ये नतीजा आया की मैं अब इस मुहिम में अकेले नहीं रहीं मेरे साथ और हाथ जुड़ गए हैं।"
सलाम इस जज्बे को
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शिल्पा भट्ट के जज्बे और सोच को सलाम जो हर रोज भूखों का पेट भर रही है। शिल्पा ने सचमुच साबित कर दिया है ' जहां चाह, वहां राह'।