गढ़वाल: कोरोना काल में मरीजों के लिए फरिश्ता बना ये नौजवान, अपनी ही गाड़ी को बना दिया 'एंबुलेंस'
आरजे काव्य (rj kaavya) ने गणेश भट्ट की कहानी को सभी सामने पेश किया है। इस नौजवान ने अपनी गाड़ी को ही एंबुलेंस बना लिया और मरीजों की सेवा में जुट गए...देखिए वीडियो
Jul 7 2020 5:54PM, Writer:कोमल नेगी
रेड एफएम के आरजे काव्य एक बार फिर से एक शानदार कहानी हम सभी के बीच लेकर आए हैं। कुछ ऐसी कहानी..जो अलहदा होती हैं, काव्य की कोशिश रहती है कि ऐसी कहानियों को हम सभी के बीच लेकर आएं। तो लीजिए एक फिर से एक
काव्य द्वारा पेश की गई प्रेरणादायक कहानी देखिए। मुसीबत के दौर में दूसरों के काम आना ही इंसानियत है। कोरोना काल ने हमें कई चुनौतियां दी हैं, तो वहीं जिंदगी का असली मतलब भी समझाया। संकट के इस दौर में जब ज्यादातर लोग सिर्फ खुद तक सिमटे हुए हैं, उस वक्त भी उत्तराखंड में ऐसे कई लोग हैं, जिन्होंने संकट के समय को सेवा के जरिए में तब्दील कर इंसानियत की मिसाल पेश की। सेवाभाव की ऐसी ही एक कहानी नई टिहरी के देवप्रयाग क्षेत्र से आई है। जहां समाजसेवी गणेश भट्ट कोरोना काल में लोगों की सेवा में जुटे हैं। लॉकडाउन के दौरान जब मरीजों को अस्पताल जाने के लिए एंबुलेंस नहीं मिली, तब गणेश ने अपनी गाड़ी को ही एंबुलेंस बना लिया और मरीजों की सेवा में जुट गए। सेवा का ये सिलसिला आज भी जारी है। आगे देखिए वीडियो
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इसकी शुरुआत की कहानी भी बड़ी दिलचस्प है। गणेश भट्ट कंप्यूटर इंस्टीट्यूट चलाते हैं। मार्च में जब लॉकडाउन लगा तो सब के काम-धंधे बंद हो गए। लोगों का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया। इस दौरान गणेश को पता चला कि एक गर्भवती महिला को इलाज की जरूरत है। गणेश ने 108 एंबुलेंस को फोन लगाया, लेकिन दूसरी तरफ से वही जवाब मिला जो पहाड़ में अक्सर मिलता है। एक एंबुलेंस में फ्यूल नहीं था, दूसरी में ड्राइवर नहीं था। तीसरी एंबुलेंस में मैकेनिकल प्रॉब्लम थी और जो चौथी एंबुलेंस ठीक थी वो रुद्रप्रयाग में थी। जिसे देवप्रयाग पहुंचने में दो घंटे लग जाते। समस्या का समाधान ना निकलते देख गणेश ने प्रेग्नेंट महिला को अपनी गाड़ी में बैठाया और उन्हें श्रीनगर अस्पताल ले गए। फिर उन्हें इस बात का अहसास हुआ कि मुसीबत के इस वक्त में ना जाने कितने लोग होंगे, जिन्हें मदद की जरूरत होगी। इसके बाद गणेश ने अपना नंबर फेसबुक पेज पर शेयर किया। जिसे भी मदद की जरूरत होती, वो गणेश को फोन करता और गणेश उसे अस्पताल पहुंचा आते।
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इस काम के दौरान उनके सामने कई तरह की परेशानियां भी आईं। पुलिस ने एनएच-58 पर उनकी गाड़ी कई बार रोकी, लेकिन जब गणेश ने उन्हें मरीजों की परेशानी बताई तो पुलिसकर्मी भी गणेश को सहयोग करने लगे। लॉकडाउन के 42 दिनों में गणेश भट्ट ने 51 मरीजों को अस्पताल पहुंचाया। इस काम में उनके 4 दोस्तों ने भी खूब सहयोग दिया। अनलॉक में मिली छूट के बाद गाड़ियां चलने लगी हैं, लोग घरों से बाहर निकलने लगे हैं, लेकिन गणेश अब भी विघ्नहर्ता गणेश बन लोगों की सेवा में जुटे हैं। राज्य समीक्षा टीम गणेश और उनके साथियों को सैल्यूट करती है। अब आपको समाजसेवी गणेश भट्ट के प्रयासों पर तैयार एक शानदार वीडियो दिखाते हैं। जिसे रेडियो चैनल रेड एफएम के आरजे काव्य ने रेड एफएम के खास शो ‘एक पहाड़ी ऐसा भी’ के सीजन-3 के लिए तैयार किया है। आगे देखें वीडियो
EK Pahadi Aisa BHIEK PAHADI AISA BHI
Season 3 : Ep 05 : Ganesh Bhatt ☺️
RJ Kaavya @RedFm
Presnted By UPES @ArunDhand
Art work by Agam Johar Arts
#EkPahadiAisaBhi #CoronaHeroes
Posted by RJ Kaavya on Sunday, July 5, 2020