उत्तराखंड: फीस न भर पाने पर बीटेक छात्रा ने की खुदकुशी, अकेली रह गई बूढ़ी मां
निशा के पिता की मौत हो चुकी थी। मां ढाबा चलाकर किसी तरह बेटी को पढ़ा रही थी, लेकिन गरीबी और बिगड़ते आर्थिक हालात ने बूढ़ी मां से ये सहारा भी छीन लिया।
Oct 2 2021 6:49PM, Writer:Komal Negi
एक तरफ सरकार बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान चला रही है, तो वहीं दूसरी तरफ कोरोना काल में आर्थिक दिक्कतों से जूझ रही बेटियां खुद को खत्म करने को मजबूर हैं। काशीपुर की रहने वाली 22 साल की निशा ने भी यही किया। निशा होनहार थी। देहरादून से बीटेक कर रही थी, लेकिन कोरोना के चलते घर के आर्थिक हालात कुछ इस कदर बिगड़े कि निशा के पास कॉलेज की फीस भरने के लिए भी पैसे नहीं रहे। वो डिप्रेशन में थी। बीती रात उसने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। निशा अपने परिवार के साथ प्रभु विहार कॉलोनी में रहती थी। वो देहरादून के एक कॉलेज में बीटेक फर्स्ट ईयर की छात्रा थी। इन दिनों उसकी ऑनलाइन क्लासेज चल रही थी। जिस वजह से वो घर पर रहकर ही पढ़ाई कर रही थी। घर में निशा और उसकी मां अकेले रहते थे।
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निशा के पिता का सालों पहले निधन हो गया था। मां रोडवेज बस अड्डे के पास ढाबा चलाकर परिवार की गुजर-बसर कर रही थी। निशा की बड़ी बहन की शादी हो चुकी है। वो क्षेत्र में ही अपने परिवार के साथ रहती है। परिजनों ने बताया कि पिछले लॉकडाउन में घर की आर्थिक स्थिति बिगड़ गई थी। जिसके चलते निशा के कॉलेज की फीस जमा नहीं हो सकी। इधर कॉलेज वाले फीस के लिए दबाव बना रहे थे। बीती रात निशा और उसकी मां के बीच फीस को लेकर कुछ बात हुई थी। जिसके बाद निशा सोने के लिए अपने कमरे में चली गई। सुबह काफी देर तक निशा के कमरे का दरवाजा नहीं खुला तो परिजन ऊपर के कमरे में पहुंचे। वहां निशा फांसी के फंदे से लटकी मिली। बेटी की ये हालत देख मां सुरेंद्र कौर बदहवास हो गई और अपने दामाद कपिल सक्सेना को घटना की सूचना दी। घटना के बाद से निशा की मां गहरे सदमे में है। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।