image: bhuvan bam edit video on pahadi girl and pahadan

पहाड़ी लड़कियों पर शर्मनाक वीडियो बनाने वाले यू-ट्यूबर का विरोध शुरू, अब एडिट करना पड़ा वीडियो

bhuvan bam ने video से हटा लिया pahadan शब्द , मगर शब्द हटाने से क्या आहत हुई भावनाओं पर मरहम लग सकेगा? क्या सिर्फ शब्द हटाना काफी है?
Mar 31 2022 4:51PM, Writer:अनुष्का ढौंडियाल

भुवन बाम का पहाड़ी लड़कियों को बाजारू बताने वाला आपत्तिजनक वीडियो भले ही ज्यादा वायरल नहीं हुआ हो मगर कुछ ही लोगों के आवाज़ उठाने का नतीजा यह निकला है कि भुवन बाम ने वीडियो में से पहाड़न शब्द हटा दिया है। यह आपकी और हमारी एकता का ही नतीजा है कि यह बात भुवन बाम तक पहुंची और यूट्यूब से पहाड़न शब्द हटाया गया।

bhuvan bam video on pahadi girl and pahadan

पहले आपको पूरे मामले की जानकारी देते हैं। दरअसल भुवन बाम यूट्यूबर का यह बेहद चर्चित नाम है जिसके लाखों करोड़ों फैंस हैं। हाल ही में भुवन बाम की एक नई वीडियो यूट्यूब पर खूब चल रही है। इस वीडियो में कॉमेडी के नाम पर पहाड़ी लड़कियों को जिस तरह प्रदर्शित किया वह बेहद आपत्तिजनक है। इस वीडियो में कहा जा रहा है कि " लड़की पहाड़ी है, घंटे के हिसाब से देगी, कहां से लेती है, कितना लेती है।" यह शब्द इस्तेमाल किए गए भुवन बाम के द्वारा। राज्य समीक्षा ने प्रमुखता से इस खबर को छापा। दबाव में आने पर यूट्यूब पर भुवन ने भले ही पहाड़न शब्द को अपनी वीडियो से वापस ले लिया है

क्या शब्द हटाने से जितनी भावनाएं आहत हुई हैं वे ठीक हो जाएंगी? क्या शब्द हटाने से करोड़ों लोगों ने उस वीडियो को देखकर पहाड़ी कम्युनिटी लड़कियों के बारे में अपने दिमाग में जो नैरेटिव सेट किया है क्या वो टूटेगा? क्या पहाड़न शब्द हटाने से महिलाओं के ऊपर जिस तरह का लांछन उसने में लगाया है क्या वह लांछन हट पाएगा। इन सभी का एक ही उत्तर है और वो है "नहीं"। अब भी उस वीडियो में महिलाओं को डिफेम किया जा रहा है। एक ओर भुवन बाम रेप कल्चर के विरुद्ध एक वीडियो बना डालते हैं जहां वह लड़कियों के साथ हो रहे रेप को गलत ठहराते हैं और दूसरी ही वीडियो में अपना दोगलापन दिखाकर लड़कियों को ऑब्जेक्टिफाई कर देते हैं। ऐसे ही लोगों की वजह से पहाड़ी लड़कियों का नाम बदनाम हो रखा है। शब्द के वापस से अगर कुछ होता तो शायद आज लोगों के मन में पहाड़ी लड़कियों के प्रति इतनी घृणा इस हद तक घटिया सोच नहीं पल रही होती। मगर सच यह है कि यह सोच आज की नहीं है, यह कई लोगों की सड़ी-गली मानसिकता है जो कि समय आने पर दिख ही जाती है।


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