image: Uttarakhand Jaspal rawat martyr in imphal

पौड़ी गढ़वाल का सपूत ड्यूटी के दौरान शहीद , हाईटेंशन लाइन बनी मौत की वजह

इंफाल में उत्तराखंड के सपूत जसपाल सिंह रावत शहीद हो गए। शहादत की खबर के बाद से परिवार बेसुध पड़ा है।
Jan 21 2019 6:58AM, Writer:कोमल

असम राइफल के जवान जसपाल सिंह रावत ड्यूटी के दौरान इंफाल में शहीद हो गए। उनके बच्चे पापा के छुट्टी पर घर आने का इंतजार कर रहे थे, लेकिन अफसोस की वो घर आए तो, लेकिन जिंदा नहीं। शहीद जवान जसपाल सिंह रावत के परिवार वाले पिछले 6 महीने से उनके घर आने की बाट जोह रहे थे, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। मूलरूप से पौड़ी गढ़वाल, धुमाकोट ग्राम माजेडा के निवासी जसपाल रावत असम राइफल्स में हवलदार पद पर तैनात थे। इंफाल में हाइटेंशन लाइन की चपेट में आने से वो शहीद हो गए। परिजनों ने बताया कि जसपाल अपने परिवार के साथ वक्त बिताने के लिए घर आना चाहते थे, लेकिन उनकी छुट्टी मंजूर नहीं हो पाई। जसपाल सिंह रावत की मौत के बाद उनके परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। शहीद के बच्चों को बिलखता देख वहां मौजूद सभी लोगों की आंखें भर आईं।

यह भी पढें - उत्तराखंड का वीर सपूत, चीन-पाकिस्तान के इरादे नाकाम करने वाला जांबाज अफसर!
शहीद का शव आज काशीपुर लाया जाएगा। मूलरूप से धुमाकोट के रहने वाले 41 वर्ष के जसपाल सिंह रावत 27 असम राइफल्स में हवलदार के पद पर तैनात थे। इन दिनों वो मणिपुर के इंफाल में ड्यूटी कर रहे थे, जहां 19 जनवरी को हाइटेंशन लाइन की चपेट में आने से वो शहीद हो गए। उनके छोटे भाई हर्ष पाल भी वहीं तैनात हैं। जसपाल ने 2013 में काशीपुर की सैनिक कॉलोनी में मकान बनवाया था। परिजनों ने कहा कि आखिरी बार वो मई 2018 में दो महीने की छुट्टी पर घर आए थे। कुछ दिन पहले उन्होंने छुट्टी के लिए अर्जी भी दी थी, लेकिन उन्हें छुट्टी नहीं मिल पाई। शहीद जसपाल के घर में उनकी तीन बेटियां और एक बेटा है, जिनकी परवरिश की जिम्मेदारी अब उनकी पत्नी पर आ गई है। जवान के शहीद हो जाने से इलाके में मातम पसरा है।


View More Latest Uttarakhand News
View More Trending News
  • More News...

News Home